कर्तव्य पथ पर अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर शहीद पुलिस कर्मियों को “पुलिस स्मृति दिवस” के अवसर पर रुद्रप्रयाग पुलिस द्वारा दी गई श्रद्धांजलि |

रुद्रप्रयाग | “पुलिस स्मृति दिवस” के अवसर पर पुलिस लाईन रतूड़ा (रुद्रप्रयाग) में स्थित शहीद स्मारक पर पुलिस स्मृति दिवस का आयोजन किया गया। पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग अक्षय प्रहलाद कोंडे ने उपस्थित सभी अधिकारी तथा कर्मचारीगणों को पुलिस स्मृति दिवस के बारे में बताया गया। उन्होंने कहा कि पूरे देश में दिनांक 01 सितम्बर 2023 से 31 अगस्त 2024 तक पुलिस एवं अर्द्धसैनिक बलों के 216 जवान शहीद हुए हैं। इसी अवधि में कर्तव्य पालन के दौरान उत्तराखण्ड पुलिस के शहीदों (1. अपर उ0नि0 कान्ता प्रसाद थापा, 2. मुख्य आरक्षी 29 ना0पु0 गणेश कुमार, 3. आरक्षी 106 स0पु0 गणेश कुमार, 4. आरक्षी 10 स0पु0 गोविन्द सिंह भण्डारी) के बलिदान के बारे में बताया गया। तत्पश्चात एसपी रुद्रप्रयाग व जनपद के अन्य पुलिस अधिकारी तथा कर्मचारीगणों ने शहीदों को पुष्प भेंट कर श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। तत्पश्चात सलामी गार्द द्वारा शहीदों को शोक सलामी देकर कर्तव्य निर्वहन करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले पुलिस के शहीद वीर जवानों को शत्-शत् नमन व श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुए दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस?

21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख के हॉट-स्प्रिंग के पास सी.आर.पी.एफ. (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) की पेट्रोलिंग पार्टी के तीन ऑफिसर्स को भारत-तिब्बत बॉर्डर पर चीनी सैनिकों ने अपनी हिरासत में ले लिया, अगले दिन जब उनकी तलाश में सीआरपीएफ की टीमें गई तो उन पर पहले से घात लगाकर बैठे चीनी सैनिकों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। सीआरपीएफ के जवानों ने भी उस हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया लेकिन उस अचानक हुए हमले में सीआरपीएफ के 10 जवान शहीद हो गए तथा सात अन्य जवान घायल हो गए, उसी दिन से उन 10 वीर सीआरपीएफ जवानों की शहादत को याद करते हुए प्रत्येक वर्ष संपूर्ण भारतवर्ष में अपने कर्तव्य पथ पर प्राणों की आहुति देने वाले शहीद पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है ।

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